B.O_01 बलरामपुर जिले के रामानुनगंज शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई जो की भारत के संविधान का सौदा चंद कौड़िया में किया जा रहा है

B.O_01 बलरामपुर जिले के रामानुनगंज शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई जो की भारत के संविधान का सौदा चंद कौड़िया में किया जा रहा है

B.O_01 बलरामपुर जिले के रामानुनगंज शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई जो की भारत के संविधान का सौदा चंद कौड़िया में किया जा रहा है

बलरामपुर जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है ,यहाँ पर बच्चों को दी जाने वाली पुस्तकें बंडल पैक कबाड़ी के दुकान में बिकने के लिए पहुंच गई थी ,जिसका वीडियो फोटो अब सोसल मीडिया में वायरल हो रहा है , वायरल वीडियो अक्टूबर महीने का बताया जा रहा है ,मामले में अब अधिकारी जांच का हवाला देते नजर आ रहे है ।


बलरामपुर जिले के रामानुजगंज शिक्षा विभाग जो कि भारत के संविधान का सौदा कौड़ियों के भाव मे करने की तैयारी में था ,स्कूलो में गरीब बच्चों को दी जाने  वाली पुस्तकों का नया बंडल के साथ भारत का संविधान की पुस्तक का सौदा जब शिक्षा विभाग रामानुज गंज में एक कबाड़ी के यहाँ कर रहा था तो उसी दौरान किसी ने इसका पूरा वीडियो बना लिया जिसकी जानकारी लगने के बाद विभाग आनन फानन में पुस्तकों को कबाड़ से वापस मंगवा लिया और मामले में चुप्पी साध कर बैठ गया था ,लेकिन अब वही वीडियो सोसल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसकी पड़ताल से पता चला कि दी अक्टूबर महीने में शिक्षा विभाग के किसी कर्मचारी ने पुस्तकों के भंडारगृह से बंडल पैक किताबे रामानुनगंज में एक कबाड़ी को बेच दी थी ,और मामले का वीडियो बनाये जाने के बाद विभाग द्वारा उन पुस्तकों को कबाड़ी के यहाँ से वापस उठवा भी लिया गया था लेकिन विभाग द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के बजाय मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गई है ,

,आपको बता दे कि सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तकों का अतिरिक्त खर्चा कम करने के उद्देश्य से निःशुल्क में पुस्तकों का वितरण किया जाता है ,जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होती है है लेकिन अब वही विभाग उन पुस्तकों का सौदा कबाड़ में करने चला था ,हालांकि अब जब जी मीडिया ने मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सवाल जवाब किया है तो उनके द्वारा गोल मोल जवाब दिया जा रहा है ,,वही पूरे मामले में एसडीएम ने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात जरूर की है ,लेकिन देखने वाली बात यही होगी कि क्या शिक्षा विभाग अपने विभाग में मौजूद संविधान के सौदागरों पर कोई कार्यवाही करता है या फिर उनको बचाने के लिए कोई नई तकनीक का इस्तेमाल करता है ।